September 11, 2017

आत्मविश्वास

संसार का इतिहास बस ऐसे थोड़े से लोगों का इतिहास है, जिन्हें अपने आप में विश्वास था। यदि हम ईश्वर में विश्वास करते हैं और अपने आप में नहीं तो समझें कि नास्तिक हैं। जब कोई अपने आप में विश्वास खोता है तभी से उसके कष्ट शुरू हो जाते हैं। समस्त धर्मों के उद्देश्य दुखों से मुक्ति है। जीवन अल्प है, संसार के आडम्बर क्षणभंगुर हैं। धर्मों के मसीहा भी हमारे समान ही मनुष्य थे, एक मनुष्य का उस स्थिति में पहूचना ही इस बात का प्रमाण है ,कि उसकी प्राप्ति प्रत्येक मनुष्य के लिए संभव है बस अपने आप में विश्वास होना चाहिए।

     जनार्दन त्रिपाठी 9005030949

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