मंगलवार, नवंबर 20, 2012
धर्म का सही अर्थ है विनम्र व्यवहार
धर्म का सही अर्थ है विनम्र व्यवहार :- परमात्मा जिस पर प्रशन्न होता है उसे विनम्र और जिसपर नाराज होता है उसे क्रोधी बनाता है। यदि आपको लगता है कि आपका स्वभाव क्रोधी है।तो आप प्रभु से अपने लिए केवल विनम्रता ही मागिये।व्यक्तित्व के गुण जैसे :-पहनावा ,रहन -सहन ,वार्तालाप का तरीका और विनम्रता इत्यादि मनुष्य की सफलता पर बहुत अधिक प्रभाव डालते है। क्या नाम जपने ,तीर्थ -स्नान करने ,मन्दिर, मस्जिद,गिरिजाघर या गुरुद्वारा जाने ,दान देने ,कर्मकांड का टंट -घंट करने और अनाचार से रहते हुए प्रतिदिन पूजापाठ करने से धर्मोद्देश्य की पूर्ति हो जाएगी? धर्म का सही अर्थ है विनम्र व्यवहार। और भूखे पेट के लिए उसका सारा धर्म है भोजन जुटाना। जनार्दन त्रिपाठी मोन 9005030949.
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