September 28, 2024

मन

मन अगर शरीर के साथ हो जाय तो मनुष्य सांसारिक और आत्मा के साथ हो जाय तो मनुष्य सन्यासी हो जाता है।

अमीर

जिसके पास कुछ भी नही है और दिल खोलकर हंस रहे हों वैसा अमीर कहां मिलेगा। और जिसके पास सब कुछ हो और हॅस भी न पा रहा हो वैसा भिखमंगा कहाॅ होगा। जनार्दन।

बुद्धिमान

बुद्धिमान मनुष्य को भविष्य की चिंता और भूतकाल की स्मृति मे नही उलझना चाहिए। वर्तमान को अच्छे ढंग से जीना चाहिए। क्योंकि वर्तमान निरंतर साथ रहेगा। भूतकाल स्मरण मे और भविष्यकाल कल्पनाशील होता है। जनार्दन।

Featured Post

ईश्वर की खोज

१-पृथ्वी के सभी पदार्थों में वायु रमण करता है ,असुद्ध और दुर्गन्ध आदि दोषों से भरा वायु सुखों का नाश करता है /वायु प्राण तत्त्व है/और यह प्...

addhyatma