September 18, 2020

जीवन

जब तक सासें चल रही है तभी  तक जीवन है ।  कौन जाने शरीर को त्यागकर अनंत अंतरिक्ष में गुम हुआ हमारा सांस फिर पृथ्वी पर किसी रूप में  लौटे कि न लौटे । प्रकृति प्रदत्त इस अनमोल जीवन का विचार कर उपयोग करना चाहिए । अहं भाव में लीन हम कष्ट झेलते हैं । और अहं से मुक्त होकर अपनें अंदर कल्याणकारी भाव पैदा करते हैं एवं  लोगों के बीच रहते हुए भी हम दिव्य हो जाते हैं ।
                                      Janardan Tripathi 

September 14, 2020

सर्वश्रेष्ठ निर्माता-निर्देशक ईश्वर

निर्देशक क्षमता, योग्यता, कुशलता एवं पात्रता का निरीक्षण कर अभिनय की भूमिका वितरित करता है । अभिनय दल में सबसे अधिक ऊर्जावान और चुनौतियों से निपटने में सक्षम को हीरो एवं अन्य को यथोचित भूमिकाएं देता है 
       ईश्वर रूपी निर्माता-निर्देशक द्वारा भी संसार से संबंधित यही नियम है । 

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