Janardan Tripathi
September 18, 2020
जीवन
जब तक सासें चल रही है तभी तक जीवन है । कौन जाने शरीर को त्यागकर अनंत अंतरिक्ष में गुम हुआ हमारा सांस फिर पृथ्वी पर किसी रूप में लौटे कि न लौटे । प्रकृति प्रदत्त इस अनमोल जीवन का विचार कर उपयोग करना चाहिए । अहं भाव में लीन हम कष्ट झेलते हैं । और अहं से मुक्त होकर अपनें अंदर कल्याणकारी भाव पैदा करते हैं एवं लोगों के बीच रहते हुए भी हम दिव्य हो जाते हैं ।
September 14, 2020
सर्वश्रेष्ठ निर्माता-निर्देशक ईश्वर
निर्देशक क्षमता, योग्यता, कुशलता एवं पात्रता का निरीक्षण कर अभिनय की भूमिका वितरित करता है । अभिनय दल में सबसे अधिक ऊर्जावान और चुनौतियों से निपटने में सक्षम को हीरो एवं अन्य को यथोचित भूमिकाएं देता है
ईश्वर रूपी निर्माता-निर्देशक द्वारा भी संसार से संबंधित यही नियम है ।
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ईश्वर की खोज
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addhyatma
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धर्म का सही अर्थ है विनम्र व्यवहार :- परमात्मा जिस पर प्रशन्न होता है उसे विनम्र और जिसपर नाराज होता है उसे क्रोधी बनाता है। ...
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ब्रह्म जीव एवं माया तीन तत्वों से पृथ्वी चलती है | जीव एवं माया (परा एवं अपरा शक्ति) ब्रह्म की शक्ति हैं | हर जीव का शरीर उसका साधन है |...
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संसार का इतिहास बस ऐसे थोड़े से लोगों का इतिहास है, जिन्हें अपने आप में विश्वास था। यदि हम ईश्वर में विश्वास करते हैं और अपने आप में नहीं तो...
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स्वयं पर विश्वास करें | शरीर को स्वस्थ वनावें हीनता बोध न करें | संयमी एवं अनुसासित रहें अपना कार्य ईश्वर का आदेश समझ कर करें भय को दूर क...
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ishwar ki khoj/discovery of god: ishwar ki khoj :/discovery of god : "१. प्रकृति के विराट vaअद्भुत स्वरुप में जहाँ एक ओर जीवनोपयोगी तथा...
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चैतन्य आत्मा ;-मानव शरीर माता के गर्भ में स्वतंत्र रूप से विकसित नहीं होता ,उसके विकास का कारणशरीर के भीतर रहने वाला जीव है / जीव केबिना प्...
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ब्रह्मसूत्र ;हिन्दुओं के ६ दर्शनों में एक है/इसके रचयिता बादरायण हैं/ ब्रह्मसूत्र में चार अध्ह्याय है /1.समन्वय 2.अविरोध ३ साधना एवं ४ फल...
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in prosperity all are friends, no anyone is friend in bad times. life is like a shadow which repeats itself, all is false-this brittle life,...
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जिस प्रकार डूबते हुवे क़ो पानी से बाहर आने की ब्याकुलता होती है,ठीक उसी प्रकार की ब्याकुलता इश्वर क़ो जानने की होने पर इश्वर क़ो जाना जा सकत...