पृथ्वी पर कुछ भी स्थाई नही है | यह जड़ चेतन
संसार एक दूसरे के सहयोग से संचालित है|
सेवा भाव से जो ब्यक्ति मानवता के विकास हेतु
काम करता है ,वह अपने नाम ,रूप एव कीर्ति
को पृथ्वी पर अमर कर देता है| ं
यह शरीर हड्डी मांस व रूधिर का पिण्ड है| इसमे
5 ग्यानिेन्द्र्यां एवं 5 कर्मेन्द्रियां हैं | भोग इन्द्रियों
के विषय हैं , भोगों में प्रवृति क्रृत्रिम व निवृति
स्वाभाविक होती है| (कामना तो कृत्रिम रूप से
होती है परन्तु कामना से निवृति स्वाभाविक हो
जाती है ) |
अहंकारी,मिथ्याचारी,ईर्षालु,रिश्वतखोर,तथा दहेज
लोभी एवं अकूत धन संगरह करने वाला मृत्योप
रांत अपने सूछ्म शरीर से स्वप्न देखते हुए मनुष्य
के समान हजारों वर्ष तक यातनाएं झेलता है|
जनार्दन त्रिपाठी
मो़ न. 9005030949
January 01, 2014
आध्यात्म
Subscribe to:
Posts (Atom)
Featured Post
ईश्वर की खोज
१-पृथ्वी के सभी पदार्थों में वायु रमण करता है ,असुद्ध और दुर्गन्ध आदि दोषों से भरा वायु सुखों का नाश करता है /वायु प्राण तत्त्व है/और यह प्...
addhyatma
-
१-पृथ्वी के सभी पदार्थों में वायु रमण करता है ,असुद्ध और दुर्गन्ध आदि दोषों से भरा वायु सुखों का नाश करता है /वायु प्राण तत्त्व है/और यह प्...
-
धर्म का सही अर्थ है विनम्र व्यवहार :- परमात्मा जिस पर प्रशन्न होता है उसे विनम्र और जिसपर नाराज होता है उसे क्रोधी बनाता है। ...
-
ब्रह्म जीव एवं माया तीन तत्वों से पृथ्वी चलती है | जीव एवं माया (परा एवं अपरा शक्ति) ब्रह्म की शक्ति हैं | हर जीव का शरीर उसका साधन है |...
-
संसार का इतिहास बस ऐसे थोड़े से लोगों का इतिहास है, जिन्हें अपने आप में विश्वास था। यदि हम ईश्वर में विश्वास करते हैं और अपने आप में नहीं तो...
-
स्वयं पर विश्वास करें | शरीर को स्वस्थ वनावें हीनता बोध न करें | संयमी एवं अनुसासित रहें अपना कार्य ईश्वर का आदेश समझ कर करें भय को दूर क...
-
ishwar ki khoj/discovery of god: ishwar ki khoj :/discovery of god : "१. प्रकृति के विराट vaअद्भुत स्वरुप में जहाँ एक ओर जीवनोपयोगी तथा...
-
चैतन्य आत्मा ;-मानव शरीर माता के गर्भ में स्वतंत्र रूप से विकसित नहीं होता ,उसके विकास का कारणशरीर के भीतर रहने वाला जीव है / जीव केबिना प्...
-
ब्रह्मसूत्र ;हिन्दुओं के ६ दर्शनों में एक है/इसके रचयिता बादरायण हैं/ ब्रह्मसूत्र में चार अध्ह्याय है /1.समन्वय 2.अविरोध ३ साधना एवं ४ फल...
-
in prosperity all are friends, no anyone is friend in bad times. life is like a shadow which repeats itself, all is false-this brittle life,...
-
जिस प्रकार डूबते हुवे क़ो पानी से बाहर आने की ब्याकुलता होती है,ठीक उसी प्रकार की ब्याकुलता इश्वर क़ो जानने की होने पर इश्वर क़ो जाना जा सकत...