ब्रह्मसूत्र ;हिन्दुओं के ६ दर्शनों में एक है/इसके रचयिता बादरायण हैं/ ब्रह्मसूत्र में चार अध्ह्याय है /1.समन्वय 2.अविरोध ३ साधना एवं ४ फल /इसके प्रत्येक अध्याय में चार पद हैं/एवं कुल ५५५ सूत्र हैं/ वेदांत के चार स्तंभों उपनिषद क़ो श्रुतिप्र्स्थान,भगवद्गीता कोस्म्रितिप्र्स्थान एवं ब्रह्मसूत्रों क़ो न्याय्प्रस्थान कहते हैं/
जनार्दन त्रिपाठी