February 23, 2015

आध्यात्म

 हमारे शरीर की अपनी कोई शक्ति नहीं है हम जो
 भी शक्ति प्राप्त करते हैं वह दूसरों से, जन्म के
 समय हमारी न कोई भाषा होती है न ही कोई ज्ञान 1 
जीव दिमाग में बैठकर आँख से देखता है ,कान से 
सुनता है चर्म से सर्दी गर्मी का एहसास करता है 1 
जीभ से स्वाद लेता है एवम  नाक से गंध लेता है और 
चूकी अपनी सारी क्रिया शरीर के सहारे संचालित 
करता है इसलिए शरीर को हर प्रकार से कष्टों से 
बचाता है तथा शरीर के पोषण के लिए विभिन्न 
प्रकार के भोज्य -पानी- दवा- वस्त्र -मकान इत्यादि 
का प्रवन्ध करता है 1 अज्ञात जगह से आया जीव 
दिमाग मे बैठकर शरीर पर सासन करता है एवं 
शरीर को विभिन्न पदार्थों से ऊर्जा प्रदान करता है 1 
और अन्त में अज्ञात को लौट जाता है 1 

BIRTH ,GROUTH, REPRODUCTION 
AND DAITH IS LIFE. BUT WHAT IS THE
PURPOSE OF LIFE WE DO NOT DEFINE.

माया का संसार ,सकल जग काँच है 1 
जीवन है दो घड़ी , और मरना साँच है 1 

कहें जनार्दन अंत की बारी ,
हाथ झारी जैसे चलोगे जुआरी 1 

जनार्दन त्रिपाठी 
मोबाईल नम्बर 9005030949 


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