शक्ति सार्वभौमिक एवं सर्व ब्याप्त है/सार्वभौमिक शक्ति वह छमता है-जिससे हम दुसरे के ब्यावहारों को नियंत्रित करते हैं/परिवार पर मुखिया ,बस में कंडक्टर इत्यादि अपने शक्ति का प्रयोग करते हैं/सैन्य एवं आर्थिक दृष्टि से शक्तिशाली राष्ट्र अन्य राष्ट्रों पर अपना प्रभाव रखते हैं/ हर समाज में कुछ इने-गिने लोगों के पास अपने समाज की शक्ति निहित होती है, धार्मिक नेता के पास भी अपने अनुयाइयों पर अपने प्रभाव की शक्ति होती है/ राज्यों की सेना धन द्वारा संचालित होती है/इस प्रकार यदि देखा जय तो -सैन्यशक्ति,आर्थिक-शक्ति,धार्मिक-शक्ति,मनोवैज्ञानिक-शक्ति,राजनितिक-शक्ति और मिडिया-शक्ति,वर्तमान समय की शक्ति है/
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Featured Post
ईश्वर की खोज
१-पृथ्वी के सभी पदार्थों में वायु रमण करता है ,असुद्ध और दुर्गन्ध आदि दोषों से भरा वायु सुखों का नाश करता है /वायु प्राण तत्त्व है/और यह प्...
addhyatma
-
१-पृथ्वी के सभी पदार्थों में वायु रमण करता है ,असुद्ध और दुर्गन्ध आदि दोषों से भरा वायु सुखों का नाश करता है /वायु प्राण तत्त्व है/और यह प्...
-
धर्म का सही अर्थ है विनम्र व्यवहार :- परमात्मा जिस पर प्रशन्न होता है उसे विनम्र और जिसपर नाराज होता है उसे क्रोधी बनाता है। ...
-
ब्रह्म जीव एवं माया तीन तत्वों से पृथ्वी चलती है | जीव एवं माया (परा एवं अपरा शक्ति) ब्रह्म की शक्ति हैं | हर जीव का शरीर उसका साधन है |...
-
संसार का इतिहास बस ऐसे थोड़े से लोगों का इतिहास है, जिन्हें अपने आप में विश्वास था। यदि हम ईश्वर में विश्वास करते हैं और अपने आप में नहीं तो...
-
स्वयं पर विश्वास करें | शरीर को स्वस्थ वनावें हीनता बोध न करें | संयमी एवं अनुसासित रहें अपना कार्य ईश्वर का आदेश समझ कर करें भय को दूर क...
-
ishwar ki khoj/discovery of god: ishwar ki khoj :/discovery of god : "१. प्रकृति के विराट vaअद्भुत स्वरुप में जहाँ एक ओर जीवनोपयोगी तथा...
-
चैतन्य आत्मा ;-मानव शरीर माता के गर्भ में स्वतंत्र रूप से विकसित नहीं होता ,उसके विकास का कारणशरीर के भीतर रहने वाला जीव है / जीव केबिना प्...
-
ब्रह्मसूत्र ;हिन्दुओं के ६ दर्शनों में एक है/इसके रचयिता बादरायण हैं/ ब्रह्मसूत्र में चार अध्ह्याय है /1.समन्वय 2.अविरोध ३ साधना एवं ४ फल...
-
in prosperity all are friends, no anyone is friend in bad times. life is like a shadow which repeats itself, all is false-this brittle life,...
-
जिस प्रकार डूबते हुवे क़ो पानी से बाहर आने की ब्याकुलता होती है,ठीक उसी प्रकार की ब्याकुलता इश्वर क़ो जानने की होने पर इश्वर क़ो जाना जा सकत...
No comments:
New comments are not allowed.