September 30, 2014

माया-जीव

जैसे स्वप्न मे देखे जाने वाले पदार्थों
से उसे देखने वाले का कोई सम्वंध
नही होता वैसे शरीर से अतीत अनु
भव माया द्वारा नष्ट हो जाते हैं | जिस
समय समस्त इंद्रिया विषयों से हट
कर ईश्वर में स्थित हो जाती हैं उस
समय मनुष्य के रागद्वेषादि सारे
क्लेश  नष्ट हो जाते हैं |

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