कष्ट सहना . परिश्रम एवं प्रयत्न करना तप है |
जिसतरह आजकल समाज में धनवान बनने
की होड़ है . उसी तरह प्राचीनकाल मे तपस्वी
बनने की होड़ थी | हर व्यक्ति तप की पूजी
एकत्र करने में लगा रहता था | सम्मान का माप
दण्ड तप ही था | तप कई प्रकार के थे-
कुस्ती . ब्यायाम . आसन और दौड़कर शरीर
स्वस्थ रखना . गहन अध्ययन से विद्वान बनना
लिखने व बोलने का अभ्यासकर लेखक व
वक्ता बनना तप है | अनुकूल विचारवालों का
संगठन बनाकर उसका नेता बनना तप है |
जीवन में जैसा बनने की इक्छा हो . समय
गंवाये विना वैसे ही तप का चुनाव कर लेना
चाहिए | अन्यथा प्रकृतिप्रदत्त शक्तियॉ
सुस्त पड़ी रहते हुए निष्कृय हो जाती हैं |
जहॉ तप है वहीं शक्ति. सुख शान्ति . आनन्द
धन. कीर्ति. और सबकुछ है | जो इस विवेक
पूर्ण निर्णय की उपेक्षा करता है . वह आज
नहीं तो कल दीनहीन. दुखी और विपत्तिग्रस्त
बनकर रहेगा |
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