October 12, 2015

सिद्धि

मन की अपार सामर्थ्य को एक निश्चित मार्ग
में लगा देने से शक्ति के द्वार खुल जाते हैं |
यही सिद्धि है | ध्यान पूर्वक विचार करने से
ही हम किसी वस्तु के मूल स्वरूप और उसकी
वास्तविकता को जान सकते हैं |  ध्यानयोग
का साधक सिद्धि के मार्ग की ओर पग बढ़ाता
है . उसे हरक्षेत्र मे सफलता ही दिखाई देती है |
    इस विधि से व्यक्ति शक्ति का विकास
करता है | आर्थिकरूप से प्रगति करता है | और
अपनी भौतिक इक्छाओं को मूर्त रूप देता है |
ध्यान के विना ध्येय की सिद्धि संभव नही है |

जनार्दन त्रिपाठी
0 9005030949

No comments:

Post a Comment

Featured Post

ईश्वर की खोज

१-पृथ्वी के सभी पदार्थों में वायु रमण करता है ,असुद्ध और दुर्गन्ध आदि दोषों से भरा वायु सुखों का नाश करता है /वायु प्राण तत्त्व है/और यह प्...

addhyatma