शरीर मांस एवं रुधिर का पिण्ड है इसमें कुछ हड्डियां हैं।इसके ऊपर चमड़े का कवर है।इसमें बात,कफ,पित्त सदा बनता बिगड़तआ रहता है।इसके नौ द्वारों से गन्दगी ही निकलती है।
संसार में ममता रखना दुख का कारण है ऐसा प्रयत्न करना चाहिए कि संसार से आसक्ति मिटे।
जनार्दन त्रिपाठी।
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