सोमवार, जुलाई 27, 2020

क्रोध

 आप किसी सभा में  शान्तिपूर्वक  बैठे हों ,और बगल में बैठा ब्यक्ति डिस्टर्व करे तो आप को क्रोध आना स्वाभाविक है । ये क्रोध कहाँ से आया ? 
  हम अनुभव करते हैं  कि काम, क्रोध, लोभ और मोह प्रकृति की शक्ति हैं और जीव के शरीर के बाहर सर्वत्र व्याप्त हैं जीव के दिमाग को कुछ समय तक नियंत्रित करने की इनमें क्षमता है।अवसर उत्पन्न होते ही जीव के दिमाग में प्रकट हो जाते हैं ।और अपना कार्य कर चले जाते हैं एवं  उस समय उनके द्वारा उत्पन्न किए गए प्रभाव को जीव भोगता है ,मनुष्य पर इसका प्रभाव ज्यादा होता है, उसके विकास रुक जाते हैं । अतः इनके प्रभाव में आने से बचना चाहिए ।         Janardan Tripathi 
addhyatmajanardantripathi.blogspot.com 

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