खुश रहने के सिद्धांत ;- जो अच्छा वार्तालाप करे उसी से बोलें / ;---खुश रहें और खुश लोगों से सम्बन्ध रखें / ;--- जिन कर्मो का जीवन में कोई उपयोग न हो उसे कभी न अपनाएं / ;---सफल लोगों से अपने आप को जोड़ें / एवं उनके कार्यों में सहयोग करें / ;---वर्तमान तन्त्र को तभी तक जीवित रखें जब तक लोगों का सहयोग प्राप्त है सहयोगियों क़ी संख्या कम होने पर तन्त्र को बंद कर दें / ;---ध्यान रखें ;--जब सारे सात्विक लोग आलसी हो जाते हैं ,तो धन दौलत पर राक्छ्सी प्रवृति के लोगों का कब्जा हो जाता है /अतिथि सत्कार ;---आने पर स्वागत , -----एकांत में कुछ समय , -----और जाते वक्त कुछ कदम साथ चलें / भुत एवं भविष्य का विचार करके जो भी कार्य करेंगे ,आप सदैव उस कर्म से सुखी रहेंगे / ;----मक्खी -मच्छर आदि छुद्र जीवों को दूर करके भी आत्मिक -शांति प्राप्त करें / महगाई से बचाव का तरीका ;------सामान क़ी उपयोगिता हो तो सामान खरीदें / बजट के अनुसार प्लानिंग करें / सीजनल सब्जियां खरीदे ,पोषक भी होती हैं और सस्ती भी / घर के नजदीक जाना हो तो पैदल चलें /
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ईश्वर की खोज
१-पृथ्वी के सभी पदार्थों में वायु रमण करता है ,असुद्ध और दुर्गन्ध आदि दोषों से भरा वायु सुखों का नाश करता है /वायु प्राण तत्त्व है/और यह प्...
addhyatma
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१-पृथ्वी के सभी पदार्थों में वायु रमण करता है ,असुद्ध और दुर्गन्ध आदि दोषों से भरा वायु सुखों का नाश करता है /वायु प्राण तत्त्व है/और यह प्...
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धर्म का सही अर्थ है विनम्र व्यवहार :- परमात्मा जिस पर प्रशन्न होता है उसे विनम्र और जिसपर नाराज होता है उसे क्रोधी बनाता है। ...
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ब्रह्म जीव एवं माया तीन तत्वों से पृथ्वी चलती है | जीव एवं माया (परा एवं अपरा शक्ति) ब्रह्म की शक्ति हैं | हर जीव का शरीर उसका साधन है |...
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संसार का इतिहास बस ऐसे थोड़े से लोगों का इतिहास है, जिन्हें अपने आप में विश्वास था। यदि हम ईश्वर में विश्वास करते हैं और अपने आप में नहीं तो...
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स्वयं पर विश्वास करें | शरीर को स्वस्थ वनावें हीनता बोध न करें | संयमी एवं अनुसासित रहें अपना कार्य ईश्वर का आदेश समझ कर करें भय को दूर क...
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ishwar ki khoj/discovery of god: ishwar ki khoj :/discovery of god : "१. प्रकृति के विराट vaअद्भुत स्वरुप में जहाँ एक ओर जीवनोपयोगी तथा...
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चैतन्य आत्मा ;-मानव शरीर माता के गर्भ में स्वतंत्र रूप से विकसित नहीं होता ,उसके विकास का कारणशरीर के भीतर रहने वाला जीव है / जीव केबिना प्...
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ब्रह्मसूत्र ;हिन्दुओं के ६ दर्शनों में एक है/इसके रचयिता बादरायण हैं/ ब्रह्मसूत्र में चार अध्ह्याय है /1.समन्वय 2.अविरोध ३ साधना एवं ४ फल...
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in prosperity all are friends, no anyone is friend in bad times. life is like a shadow which repeats itself, all is false-this brittle life,...
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जिस प्रकार डूबते हुवे क़ो पानी से बाहर आने की ब्याकुलता होती है,ठीक उसी प्रकार की ब्याकुलता इश्वर क़ो जानने की होने पर इश्वर क़ो जाना जा सकत...