March 25, 2021

यथामाम् प्रपद्यन्ते

 ये यथामाम् प्रपद्यन्ते, तेस्तथैव भजाम्यहम् ।

मैं आलसी को रोग, चिन्तन करने वाले को ज्ञान, ईर्ष्या की दृष्टि से देखने वाले को शत्रु और पुरुषार्थी को पदार्थ के रूप में प्राप्त होता हूँ। 

No comments:

Post a Comment

Featured Post

ईश्वर की खोज

१-पृथ्वी के सभी पदार्थों में वायु रमण करता है ,असुद्ध और दुर्गन्ध आदि दोषों से भरा वायु सुखों का नाश करता है /वायु प्राण तत्त्व है/और यह प्...

addhyatma